मन्दिर-परिसर के दर्शनीय स्थल:-
महन्त दिग्विजयनाथ स्मृति-भवन
श्रीगोरखनाथ मन्दिर के पश्चिमी पृष्ठ भाग में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं शैक्षिक पुनर्जागरण के पुरोधा, हिन्दुराष्ट्र के उद्गाता, महान धर्मयोद्धा युगपुरुष, ब्रह्मलीन (गोरक्षपीठाधीश्वर) महन्त दिग्विजयनाथ महाराज के कृतित्व के अनुरूप श्रद्धांजलि-स्वरूप उनके सुयोग्य उत्तराधिकारी ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त अवेद्यनाथजी द्वारा निर्मित बारह सौ वर्गफीट क्षेत्र के विस्तार से युक्त विशाल और भव्य ‘महन्त दिग्विजयनाथ स्मृति भवन’ अपने आप में नाथ योग के ऐश्वर्य और भारतीय संस्कृति की अखण्डता, राष्ट्रीयता तथा हिन्दुत्व का चिरस्थायी भव्य स्मारक है। भवन में भूतल पर सुसज्जित सभागार है, जिसमें पाँच हजार से अधिक लोग एक साथ बैठ सकते हैं। भवन की दीर्घाओं में चारों ओर भित्ति पर योग साधना तथा नाथ पंथ से सम्बन्धित महापुरुषों के चरित्र चित्र-कथाओं के माध्यम से प्रदर्शित किये गये हैं। अन्य देवी-देवताओं तथा राष्ट्रीय महापुरुषों के भी चित्र एवं उनकी मूर्तियाँ तथा सुभाषित यत्र-तत्र उत्कीर्ण हैं। भवन के ऊपरी तल में पुस्तकालय तथा गोरक्षनाथ प्राच्य विद्या शोध संस्थान का कार्यालय है।
श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत-विद्यापीठ
श्री गोरखनाथ-मन्दिर के प्रांगण में गोरक्षनाथ संस्कृत-विद्यापीठ है। भारतीय संस्कृति की मातृ-भाषा संस्कृत के प्रति मन्दिर की निष्ठा का स्मारक यह एक ‘क’ वर्गीय महाविद्यालय है। जिसमें विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क आवास, भोजन एवं अध्ययन की उत्तम और उल्लेखनीय आदर्श व्यवस्था है।
श्रीगोरक्षनाथ आयुर्वेद-महाविद्यालय एवं धर्मार्थ-चिकित्सालय
भारतीय चिकित्सा-पद्धति आयुर्वेद की उन्नति तथा प्रतिष्ठा के लिए गोरखनाथ-मन्दिर की ओर से एक आयुर्वेद महाविद्यालय तथा धर्मार्थ-चिकित्सालय की भी स्थापना की गयी है जिसमें आयुर्वेदिक पद्धति से रोगियों की जाँच तथा चिकित्सा सुलभ है।
गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय
श्री गोरक्षनाथ मन्दिर की कीर्ति-लतिका में दिनांक 16 जुलाई 2003 को एक मजबूत कड़ी उस समय और जुड़ गयी जब गोरक्षपीठाधीश्वर श्री महंत अवेद्यनाथजी महाराज एवं उनके सुयोग्य उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथजी महाराज की सार्थक सोच एक आधुनिकतम चिकित्सालय के रूप में अवतरित हुई। अत्याधुनिक एवं उन्नत श्रेणी के विदेशों से आयातित उपकरणों से सुसज्जित इस चिकित्सालय में सुयोग्य चिकित्सकों द्वारा लगभग सभी रोगों की चिकित्सा की जाती है। मेडिसिन, सर्जरी, अस्थि रोग, बाल रोग, नेत्र रोग, नाक, कान, गला विभाग आदि विभिन्न विभागों से युक्त चिकित्सालय में ब्लड बैंक, पैथॉलॉजी विभाग, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड तथा ई.सी.जी. विभाग भी है। चिकित्सालय में मरीजों की बढ़ती भीड़ यहाँ की अच्छी एवं सस्ती चिकित्सा का प्रमाण है। एक बड़े मेडिकल कालेज की स्थापना की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है।